Me – No – Pause या Menopause

हमेशा खुशमिजाज रहने वाली कांचन जब मेरी ओ पी डी में आयी तो आँखे सूजी हुई , आँखो के नीचे कालापन , थका हुवा चेहरा , बड़ी बीमार सी लग रही थी !

पूछने पर बोली , घरपर कोई परेशानी नहीं है सब ठीक है , पर आजकल पिछले ६ - ८ महीनो सो नींद हलकी हो गई है , वजन काफी बढ़ रहा है , अक्सर गर्मी होने लगती है , बातबात पर झुँझला जाती हूँ !

कांचन की उमर लगभग ४८-४९ है , पूछने पर उसने बताया माहवारी पिछले १ साल से रुकी है ! पता नहीं के हो गया ! ये सारी परेशानियॉ ना की कांचन को ही है . पर लगभग इस उमर की सारी स्त्रियों में पाई जाती है ! हम लोग इसे सामान्य समझकर अनदेखा कर देते है , पर ये ठीक नहीं है !

आईये जानते है

Menopause याने रजोनिवृत्ती के बारे में

मीनोपॉज एक कुदरती प्रक्रिया है, कोई रोग नहीं, लेकिन कई महिलाओं के शरीर में हो रहें बदलाव उनके रोज़-मर्रा की ज़िन्दगी में समस्याएं खड़ी कर सकते हैं|

क्या होता है मीनोपॉज होने पर?

यदि आपको 12 महीने से periods न हुए हो तो हो सकता है आप मीनोपॉज के प्रॉब्लम से गुज़र रहें हैं| स्वाभाविक रूप से menopause age 45-55 के आस-पास होता है|

रजोनिवृत्ती के तीन चरण होते है !

१] रजोनिवृत्ती का पहले का समय ( पेरिमेनोपौज ) - रजोनिवृत्ती के ३ - ५ साल पहले का समय जब आप के एस्ट्रोजन हार्मोन्स के लेवल कम होने लगती है , अंडाशय का आकर छोटा होने लगता है , माहवारी का आना कम हो जाता है , देर से आती है

२] रजोनिवृत्ती (मीनोपॉज) - माहवारी आना बंद हो जाता है

३] रजोनिवृत्ती का बाद का समय ( पोस्ट मीनोपॉज ) - माहवारी का बंद होने के पुरे एक साल के बाद का समय .

“अधिकतर स्थितियों में, महिलाओं को ४७ या ४८ के आगे मीनोपॉज symptoms शरीर में महसूस होने लगतें हैं| इस समय को perimenopause कहते हैं एक उम्र के बाद, ovaries में ovulation, यानि की अंडे का उत्पादन, बंद हो जाता है| इस कारण से शरीर में एस्ट्रोजन की कमी होती है और कई लक्षण (menopause symptoms) महसूस होते हैं जैसे की –

  • अनियमित ढंग से periods का होना
  • अचानक से तेज गर्मी लगना (hot flushes)
  • नींद में समस्या आना
  • वज़न का बढ़ना
  • बालों का झड़ना
  • योनि का सूखापन (vaginal dryness)
  • मनो-दशा में बदलाव (mood swings)
  • त्वचा में परिवर्तन जैसे रूखी त्वचा

हालाँकि मीनोपॉज का diagnosis माहवारी के 12 महीनें न होने पर ही किया जाता है, लेकिन आप sonography और blood test करवा कर भी मीनोपॉज diagnose कर सकतें हैं|

कैसे करें मीनोपॉज के लक्षणों का निवारण?

“आम-तौर पर हम मीनोपॉज का इलाज नहीं करते| जीवन शैली में बदलाव लाने से कई महिलाएं राहत महसूस कर पाती हैं|”

यदि आपको यह लक्षण विशेष रूप से परेशान कर रहे हो तो आपके डॉक्टर कुछ महीनों के लिए Hormone Replacement Therapy (HRT) की सलाह दे सकते हैं| HRT के इस्तेमाल से आपके शरीर में हॉर्मोन के लेवल को संतुलन में लाया जाता है| ध्यान में रखें की लम्बे समय तक हॉर्मोन लेने से हृदय रोग (heart disease) और ब्रैस्ट कैंसर (breast cancer) की संभावनाएं बढ़ जाती हैं| अपने डॉक्टर से परामर्श के बिना हॉर्मोन की दवाएं न लें| मीनोपॉज के बाद स्वास्थ्य की देखभाल कैसे करें?

मीनोपॉज के बाद आप को एस्ट्रोजन के कमी की वजह से कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है|“योनि का सूखापन (vaginal dryness), osteoporosis अथवा UTI (Urinary Tract Infection) जैसे समस्याओं की संभावनाएं मीनोपॉज के बाद बढ़ जाती है|”

मीनोपॉज के treatment - सुझाव –

1. संतुलित आहार
अपने रोज़ के खाने में संतुलन बनाए रखना मीनोपॉज के बाद बहुत अहमियत रखता है| ज़्यादा से ज़्यादा शाकाहारी और फाइबर-युक्त खाने का सेवन करें| Processed या packaged आहार जितना कम खाया जाए आपके सेहत के लिए उतना उपकारी है|

2. Calcium Supplements
मीनोपॉज के बाद, एस्ट्रोजन के कमी की वजह से आपकी हड्डियाँ कमज़ोर पड़ जाती है| इस समय osteoporosis होने की संभावना बढ़ जाती है और शरीर में कैल्सियम (calcium) की ज़रुरत ज़्यादा होती है|

कुछ स्थितियों में शरीर को आहार से पर्याप्त रूप से कैल्शियम नहीं मिल पाता| इस समय आप डॉक्टर के सलाह से calcium supplements लेना शुरू कर सकते हैं|आपके डॉक्टर आपके सेहत, और शारीरिक जरूरत को ध्यान में रखते हुए दवा देंगे|

3. नियमित व्यायाम
मीनोपॉज के बाद व्यायाम न करने पर आपका वज़न बढ़ सकता है| यदि आप नियमित आधार पर दिन में कम-से-कम 30-40 मिनट टहलने जाएं या aerobics करें तो आपके हड्डियों, मांसपेशी और जोड़ों पर भी अच्छा प्रभाव पड़ सकता है|

सकारात्मक सोच - सकारात्मक सोच से उम्र बढ़ती है , डिप्रेशन की आशंका कम हो जाती है , हमारी रोग प्रतिकार शक्ति बढ़ जाती है , हम शारीरिक तथा मानसिक रूप से स्वस्थ महसूस करते है , दिल के दौरे पड़ना हइपेरटेन्शन (बी.पी) का प्रॉब्लम कम हो जाता है

5. योग - योगा से मन एकाग्र रहना है , हार्मोनस संतुलन रहते है शरीर की इलास्टिसिटी बनी रहती है ! रजोनिवृत्ती के काफी सारे प्रॉब्लम पर योगा कारागर सिद्ध होता है !

6. ज्यादा पानी पिये हमारा वजन संतुलित रहता है,डिजेस्टिव हाजमा ठीक रहता है,सरदर्द,बदनदर्द,डिहाइड्रेशन से रहत दिलाता है !

7. रचनात्मक कार्यो में व्यस्त रहे

8. लोगो की मदत करे

9. हॉबी विकसित करे - हॉबी विकसित करने से हम फुर्ती से रहते है , स्ट्रेस कम होता है !